नलकूप योजना (NalKup Yojna)
योजना की मुख्य विशेषताः-
योजना की मुख्य विशेषताः-

1. योजना के अन्तर्गत कम (शैलो) एवं मध्यम गहराई के 70 मी० तक के निजी नलकूपों एवं मोटर पम्प के अनुदान का प्रावधान है।

2. योजना के मुख्य अवयव निम्नलिखित है:-

> 4–6 इंच व्यास का कम (शैलो) एवं मध्यम गहराई का नलकूप

> 2–5 H-P का सबमर्सिबल मोटर पम्प / सेन्ट्रीफ्यूगल मोटर पम्प
अनुदान हेतु पात्रताः-
> चिन्हित स्थलों पर पूर्व से नलकूप नहीं होना चाहिए।

> केन्द्रीय भू–जल बोर्ड द्वारा चिन्हित अतिदोहित एवं संकटपूर्ण (Over Exploited and Critical) प्रखंड/पंचायतों से प्राप्त आवेदनों को या इनमें चिन्हित स्थलों को नलकूप अधिष्ठापन हेतु विचार नहीं किया जायेगा।

> वैसे प्रगतिशील एवं इच्छुक कृषक जिनके पास कम से कम 0.40 एकड़ (40 डिसमिल) का भू–खण्ड हो इसके पात्र होंगे, जिसमें लघु व सीमांत कृषकों को प्राथमिकता दी जायेगी।

> उक्त स्थल पर पूर्व से बोरिंग न हो तथा उक्त स्थल पर बोरिंग हेतु पूर्व में कृषि विभाग से अनुदान या अन्य संस्था/विभाग से वित्तीय सहायता न ली हो, इस संदर्भ में आवश्यक घोषणा पत्र कृषक से लिया जायेगा।

> एक कृषक को एक ही बोरिंग एवं मोटर पम्प सेट के लिये अनुदान मान्य होगा। न्यूनतम 15 मीटर गहराई तक बोरिंग करने पर ही अनुदान मान्य होगा।
अनुदान
अनुदान दो चरणों में दिया जायेगा:-

1. बोरिंग करके पानी का जलस्राव निकालने पर

2. मोटर पम्प सेट क्रय करने के बाद (अधिष्ठापित कर चलाने पर)

अनुदान की दर :
(प्रति मीटर अनुदान की दर — 70 मीटर तक सीमित)
क्रमसं० अवयव लागत रूपये (प्रति मी०) सामान्य वर्ग (50 प्रतिशत) पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग (70 प्रतिशत) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग (80 प्रतिशत)
1 नलकूप हेतु बोरिंग रु 1200 रु 600 रु 840 रु 960
2 मोटर पम्प सेट/सबमर्सिबल सेट 2 H.P – रु 20000 रु 10000 रु 14000 रु 16000
3 H.P – रु 25000 रु 12500 रु 17500 रु 20000
5 H.P – रु 30000 रु 15000 रु 21000 रु 24000

नोट:- क्षेत्रीय विकास परिषद द्वारा अनुदान दर में संशोधन की जा सकती है।
आवेदन की प्राप्ति व जाँच:-
(a) विभागीय मोबाइल एप व वेब पोर्टल पर उपलब्ध विहित प्रपत्र में कृषक के निजी विवरण के साथ फोटो एवं वांछित अभिलेख पोर्टल पर अपलोड करने हेतु लिये जायेंगे।

(b) आवेदन के साथ संलग्न करने वाले अभिलेख :-

(i) उक्त स्थल पर पूर्व से बोरिंग न हो तथा उक्त स्थल पर बोरिंग हेतु पूर्व में कृषि विभाग / लघु जल संसाधन विभाग से अनुदान या अन्य संस्था / विभाग से वित्तीय सहायता न ली हो। इस संदर्भ में आवश्यक घोषणा पत्र कृषक को देना होगा।

(ii) आधार (भुगतान आधार आधारित होगा)

(iii) भू–धारकता प्रमाण पत्र (LPC)

(iv) सक्षम प्राधिकार से निर्गत जाति प्रमाण पत्र

(v) फोटोग्राफ (सर्वेक्षित स्थल पर अक्षांश एवं देशांतर के साथ) जिसमें जनसेवक /सहायक निदेशक (ईख विकास)/ईख प्रसार पदाधिकारी/ईख पदाधिकारी/संबंधित लाभुक कृषक एवं उपस्थित ग्रामीण को सम्मिलित किया जाय।
आवेदन का सत्यापन:-
1. प्राप्त आवेदनों पर ईख पदाधिकारी, अपने जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी, से प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण एवं आवेदन की जाँच करायेंगे। जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी जो निरीक्षण व जाँच करेंगे उसमें पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जायेगी तथा प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।

निरीक्षण/जाँच के बिन्दु:-

(i) उक्त स्थल पर कोई अन्य सिंचाई के साधन का विकल्प तो नहीं है।

(ii) उक्त स्थल पर सटे हुए भाग में पूर्व से कोई बोरिंग तो नहीं किया हुआ है।

(iii) कृषक द्वारा पूर्व में अनुदान / वित्तीय सहायता न लेने संबंधी घोषणा पत्र की वास्तविकता की जाँच।

(iv) आधार का ऑनलाइन सत्यापन।

(v) भू–धारकता प्रमाण पत्र में इस अनुदेश के अनुरूप उपलब्ध / उपयुक्त भूमि।

(vi) जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन।

(vii) पूर्व से सर्वेक्षित स्थलों के लिए अक्षांश एवं देशांतर से संबंधित मिलान ।

(viii) अन्य बिन्दु जो जाँच पदाधिकारी को आवश्यक लगे।
आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया:-
> ईख पदाधिकारी अपने जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी से प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण व आवेदन की जाँच करायेंगे।

> ईख पदाधिकारी किसान के आवेदन पत्र को जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी की अनुशंसा के आलोक में पोर्टल पर अग्रसारित या अस्वीकृत करेंगे।

> ईख पदाधिकारी द्वारा जनसेवक एवं ईख प्रसार पदाधिकारी की अनुशंसा के आलोक में आवेदन की स्वीकृति के उपरांत किसान को System Generated SMS एवं कार्यालय के द्वारा दूरभाष के माध्यम से सूचना दी जायेगी। स्वीकृति पन्न विहित प्रपत्र में कम्प्यूटर द्वारा स्व–जनित होगा। अस्वीकृति की स्थिति में ईख पदाधिकारी पूर्णतः संतुष्ट हो लेंगे तथा पूर्व से चिन्हित/सर्वेक्षित क्षेत्रों में अस्वीकृति की स्थिति में ईख प्रसार पदाधिकारी द्वारा स्थल का निरीक्षण अनिवार्य होगा।
योजना का कार्यान्वयन :-
> विभाग द्वारा चिन्हित स्थल पर ही बोरिंग किया जायेगा।

> स्वीकृति के पश्चात 15 दिवस के अंदर कृषक को बोरिंग गाड़ कर अनुदान का दावा पोर्टल पर आवेदन अपलोड करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि के अंदर नलकूप नहीं गाड़ने पर आवेदन स्वतः निरस्त माना जायेगा। यदि आवेदक द्वारा दिये गये कारण पर ईख पदाधिकारी सहमत होते हैं तो कार्य पूर्ण करने हेतु अधिकतम 15 दिन की अवधि विस्तार दिया जा सकेगा।

> निर्माण सामग्रियों का क्रय कृषक स्वयं अपनी स्वेच्छा से करेंगे परन्तु सामग्रियों की विशिष्टि भारतीय मानक ब्यूरों द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुरूप एवं सामग्रियों का देश में निर्मित होना आवश्यक होगा।
अनुदान हेतु दावा की प्रक्रिया:-
> निर्धारित अवधि में नलकूप स्थापित करने के उपरांत लाभुक किसान पाईप एवं मोटर पम्प का प्रमाणक जिसमें जी०एस०टी० संख्या एवं आई०एस०आई०/आई०एस०ओ० मार्का का उल्लेख हो उसके साथ अनुदान का दावा विहित प्रपत्र में पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

> लाभुक कृषक बोरिंग एवं मोटर पम्प का दावा अपनी सुविधानुसार निर्धारित अवधि में अलग-अलग तिथि को या एक ही तिथि को कर सकेंगे।

> बोरिंग करने के पूर्व, के दौरान एवं के बाद जलस्राव होते हुए कृषक स्थल का फोटोग्राफ लेंगे जिसे दावा समर्पण के समय वेब पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

> इसी प्रकार मोटर पम्प अधिष्ठापन करते हुए एवं पम्प अधिष्ठापन के उपरांत जलस्राव होते हुए का फोटो भी अपलोड करना आवश्यक होगा।

> विभाग / चीनी मिल के प्रतिनिधियों/अभियंता के साथ भौतिक सत्यापन व गहराई मापने के पश्चात् ही कृषक द्वारा मोटर अधिष्ठापन का कार्य कराया जायेगा व फोटो पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।
ईख पदाधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन व निरीक्षण:-
> जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी कार्य स्थल पर बोरिंग एवं मोटर पम्प का भौतिक सत्यापन कर वांछित प्रपत्र भरकर अनुदान हेतु अनुशंसा ईख पदाधिकारी को पोर्टल पर अग्रसारित करेंगे।

> भौतिक सत्यापन दो चरणों में करना अनिवार्य होगा, बोरिंग के पश्चात गहराई नापने एवं जलस्राव देखने हेतु एवं मोटर का अधिष्ठापन करते हुए अश्वशक्ति जानने हेतु एवं उसके उपरांत जलस्राव देखने के लिए।

> प्रत्येक चरण के भौतिक सत्यापन के उपरांत स्थल का फोटो (अक्षांश एवं देशांतर सहित) कृषक व अन्य संबंधितों के साथ अवश्य ही अपलोड करेंगे।

> संबंधित कार्य के भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन पर कृषक एवं सत्यापन करने वाले जनसेवक/ईख प्रसार पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किया जायेगा तथा इस प्रतिवेदन को भी पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।

> स्थापित कुल नलकूपों के 50 प्रतिशत का निरीक्षण / सत्यापन गन्ना उद्योग विभाग के ईख पदाधिकारी, 50 प्रतिशत सहायक निदेशक एवं ईख प्रसार पदाधिकारी एवं जनसेवक के द्वारा सतप्रतिशत सत्यापन किया जायेगा।
अनुदान की स्वीकृति:-
> ईख पदाधिकारी, द्वारा अनुदान भुगतान हेतु सभी अभिलेखों की यथोचित जाँच कर सही पाये जाने पर अनुदान हेतु अनुमोदित कर संबंधित सभी ईख पदाधिकारी को पोर्टल के माध्यम से अग्रसारित किया जायेगा।

> उसके पश्चात् भुगतान की कार्रवाई ZDC द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे लाभुक के आधार युक्त खाते में की जायेगी। अतः भुगतान आधार आधारित होगा।

> अनुदान की स्वीकृति के उपरांत संबंधित कृषक को System Generated SMS/ दूरभाष के माध्यम से सूचना दी जायेगी।

> अनुदान अस्वीकृत होने की परिस्थिति में कृषक एक पक्ष के भीतर अस्वीकृति का कारण सुधारते हुए पुनः एक बार अपना दावा अपलोड कर सकेंगे।

> वरीय पदाधिकारी को कनीय पदाधिकारी के निर्णय की समीक्षा करने का अधिकार होगा।
योजना का अनुश्रवण:-
> जिला स्तर पर योजना का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी, द्वारा सतत् रूप से किया जायेगा

> राज्य स्तर पर ईखायुक्त द्वारा अनुश्रवण नियमित रूप से किया जायेगा।

निर्माण सामग्री एवं पम्प सेट की विशिष्टिः-

क्र० समग्री बी०आई०एस० मानक
1 पी०वी०सी० केसिंग पाइप आई०एस०: 12818 / 1992
2 पी०वी०सी० स्क्रीन पाइप आई०एस०: 12818 / 1992
3 सेन्ट्रीफ्यूगल मोटरपम्प आई०एस०: 6595 (पार्ट–1) / 2018 आई०एस० 9079 / 2018
4 सबमर्सिबल मोटर पम्पसेट आई०एस० 8034 / 2018